राजमहल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बड़े ही हर्षोल्लास और देशभक्ति की भावना के साथ भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रातः 9:00 बजे महाविद्यालय के प्रांगण में प्राचार्य डॉ. रणजीत कुमार सिंह द्वारा ध्वजारोहण किया गया। अपने ओजस्वी संबोधन में प्राचार्य महोदय ने विद्यार्थियों को स्वतंत्रता संग्राम के महान बलिदानों की याद दिलाते हुए कर्तव्य-बोध का संदेश दिया। उन्होंने कहा, "हमारा राष्ट्र भौगोलिक और राजनीतिक रूप से तो स्वतंत्र है, परंतु आर्थिक, सामाजिक एवं मानसिक रूप से पूर्ण स्वतंत्रता की दिशा में अभी और प्रयास आवश्यक हैं।"
डॉ रणजीत ने बताया कि किसी प्रतियोगिताओं में भाग लेना ही बड़ी उपलब्धि है, इससे हम जीते या हार से अधिक कुछ सीखते हैं. विद्यार्थियों को जिज्ञासु व सीखने की ललक हमेशा जीवन भर रखना चाहिए.
डॉ अमित कुमार ने छात्रों को विशेष रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
इसके उपरांत, सेमिनार हॉल में स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या (14 अगस्त) को आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए। भाषण प्रतियोगिता में मोहम्मद अशरफ, वाद-विवाद प्रतियोगिता में राहुल कुमार, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में सिफा बतूल, नियमित छात्रा पुरस्कार में आशा कुमारी तथा पेंटिंग प्रतियोगिता में मीठी कुमारी को पुरस्कृत किया गया। महाविद्यालय का "उत्कृष्ट सेवक सम्मान 2025" श्रीमती ऊषा देवी को प्रदान किया गया।
मुख्य अतिथि डॉ. सुब्रत सिंह ने महाविद्यालय की प्रगति की प्रशंसा करते हुए विद्यार्थियों को सफलता की दिशा में सतत प्रयासरत रहने का संदेश दिया और स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ दीं।
कार्यक्रम के दौरान छात्र श्यामल कुमार मंडल ने अपने ज्ञानवर्धक भाषण में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन एवं उनके अमूल्य योगदान का विस्तृत वर्णन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन वाणिज्य विभाग के प्राध्यापक डॉ. रमजान अली ने किया।
अंत में प्राचार्य डॉ. सिंह ने सभी शिक्षकों, अतिथियों, विद्यार्थियों, अभिभावकों एवं ग्रामीणों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ दीं। सैकड़ों छात्र-छात्राओं, अभिभावकों एवं आसपास के ग्रामीणों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को सफल एवं यादगार बना दिया।