क्या कहते हैं झंडी मेला समिति के अध्यक्ष:-
इस संबंध में झंडी मेला समिति के अध्यक्ष साधु उरांव ने बताया कि झंडी मिला हम लोग परंपरा, जैसे आदिवासी लोग बंदना पर्व, सोहराय पर्व है धान काटने बाद मनाते हैं। ठीक उसी प्रकार हम लोग काली पूजा का जो अमावस्या में होता है और नए चांद के साथ हम लोग उराव समाज जो घर के गाय, बैल, बकरी होते हैं उसको हम लोग पूजा अर्चना करते हैं चुमाते हैं। उसके बाद और गोहाल में जो सूअर, मुर्गी को हम लोग पूजा करके उसी का प्रसाद हम लोग खाते हैं। और हम लोग रात को जो अपने परंपराओं के साथ मंदार, नगाड़ा के साथ घर-घर में जाकर नाच गाना करते हैं। इसके बाद सुबह हम लोग झंडा को पूरे गांव मिलकर हम लोग इस मैदान में गाड़ने के बाद पूजा अर्चना करते है। पूजा अर्चना के बाद प्रकृति की ओर झुकते हैं और इसमें पूरा सुबह से ही यहां में लोग मंदार, नगाड़ा के साथ दिनभर हम लोग यहां में नाचते गाते हैं। और अपने प्रकृति के साथ पूजा अर्चना कर काफी खुशी महसूस होता है। और इस मेले में काफी दूर-दूर से लोग आते हैं। और हम लोग को पता भी नहीं है कि हमारे दादा, परदादा के समय से यह झंडी मेला का आयोजन हो रहा है। और हम लोग इस परंपराओं को निभा रहे हैं। हमारे जो आने वाले पीड़ी वह भी इसी पर्व त्यौहार को निभाएंगे।
क्या कहते हैं झंडा मेला के संयोजक: -
इस संबंध में नेहरू टप्पू ने बताया कि हमारे परंपराओं के साथ हमारे पूर्वजों के साथ हम लोग झंडी मेला मनाते आ रहे हैं। और इस पर्व को मनाने का उद्देश्य हम लोगों का जो धान लगाते हैं और धान लगाने के बाद जो धान फूटने और उसके बाद बड़े, बुजुर्ग लोगों का कहना है कि जैसे विजयदशमी मानते हैं। जैसे दीपावली मनाते हैं। उसी तरह हम लोग दीपावली के बाद नए चांद के साथ हम लोग उरांव समाज के लोग झंडू मिला अपने बच्चों के साथ परिवार के साथ गांव के साथ पूरे धूमधाम से मनाते हैं।
क्या कहते हैं न्यू स्पोर्टिंग क्लब झंडीतर कमेटी के सदस्य:-
इस संबंध में न्यू स्पोर्टिंग क्लब झंडीतर कमेटी के सदस्य अमित कुमार टोप्पो ने बताया कि प्रत्येक वर्ष झंडी मेला के अवसर पर यहां तीन दिवसीय फुटबाल टूर्नामेंट का आयोजन किया जाता है। और यह टूर्नामेंट और झंडी मेला हमारे पूर्वजों के द्वारा से ही किया जा रहा है। इस बार हम लोगों ने फुटबॉल टूर्नामेंट का कार्यक्रम कर रहे हैं। और यह कार्यक्रम मंगलवार से लेकर बृहस्पतिवार तक चलेगा। फुटबॉल टूर्नामेंट में 16 टीमों भाग लिए हैं। जिसमें जिले के अलावा अन्य जिला एवं अन्य राज्यों का भी टीम यहां पर है। सभी टीमों का एंट्री फीस 5000 है। और सेमीफाइनल के दो टीमों को 10 हजार रुपया एवं फाइनल के प्रथम पुरस्कार विजय ट्रॉफी के साथ 60 हजार रुपया एवं द्वितीय पुरस्कार पराजय ट्रॉफी के साथ 50 हजार रुपया दिया जाएगा। फुटबॉल पूरा शरीर का खेल है। इसलिए सभी युवाओं को फुटबॉल जरूर खेलना चाहिए जिससे मानसिक और शारीरिक दोनों ही स्वस्थ रहते हैं। और शरीर में नया ऊर्जा का भी उत्पन्न होता है।
मौके पर अध्यक्ष प्रहलाद कुजूर, उपाध्यक्ष सुजीत मिंस, सचिव लक्ष्मण कुजूर, नेहरू टोप्पो, रोहित, राम, फ्रांसिस, सुमित, निरंजन, संदीप, अजीत, धर्मवीर, गोपी, विमल, छोटेलाल, उनिल, चौरंग, रोहित, अजीत, विकास, मोहन, विशाल, अनिल, प्रेम, विवेक सहित अन्य सहयोग कर रहे हैं।
मौके पर अध्यक्ष प्रहलाद कुजूर, उपाध्यक्ष सुजीत मिंस, सचिव लक्ष्मण कुजूर, नेहरू टोप्पो, रोहित, राम, फ्रांसिस, सुमित, निरंजन, संदीप, अजीत, धर्मवीर, गोपी, विमल, छोटेलाल, उनिल, चौरंग, रोहित, अजीत, विकास, मोहन, विशाल, अनिल, प्रेम, विवेक सहित अन्य सहयोग कर रहे हैं।