हिंदी पत्रकारिता दिवस पर मॉडल कॉलेज राजमहल में विचारोत्तेजक कार्यक्रम का आयोजन

पत्रकारिता को बताया गया लोकतंत्र का मजबूत आधार, विद्यार्थियों ने इसकी ऐतिहासिक और सामाजिक भूमिका को जाना।


राजमहल मॉडल कॉलेज में शुक्रवार को हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर एक प्रेरणादायी एवं ज्ञानवर्धक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रणजीत कुमार सिंह की अध्यक्षता में विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को पत्रकारिता के मूल्यों, इतिहास, वर्तमान चुनौतियों और सामाजिक उत्तरदायित्व से अवगत कराना था। इस दौरान प्राचार्य डॉ. रंजीत कुमार सिंह ने बताया कि हिंदी पत्रकारिता के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य को रेखांकित करते हुए बताया कि कैसे 1826 में 'उदंत मार्तंड' के प्रकाशन के साथ हिंदी पत्रकारिता की नींव पड़ी थी। उन्होंने वर्तमान समय में पत्रकारिता के बदलते स्वरूप और उसमें आ रहे व्यावसायिक प्रभावों पर चिंता जताते हुए कहा कि पत्रकारिता केवल सूचना देने का माध्यम नहीं है बल्कि यह समाज का मार्गदर्शक बनकर कार्य करती है। आज आवश्यकता इस बात की है कि पत्रकारिता सत्य, निष्पक्षता और समाजहित के मूल्यों को आत्मसात करे। नशा मुक्ति की पूर्व संध्या पर विद्यार्थियों को विशेष संदेश भी दिया। उन्होंने कहा नशा केवल शरीर को नहीं, बल्कि युवा मन को भी खोखला कर देता है। यदि राष्ट्र का भविष्य उज्ज्वल बनाना है तो हमें युवा पीढ़ी को नशे के दुष्परिणामों से बचाना होगा। कॉलेज का यह दायित्व बनता है कि वह अपने छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ चरित्र निर्माण और सामाजिक चेतना से भी समृद्ध करे। विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे अपने जीवन में नशा मुक्त रहने की शपथ लें और अपने आसपास के समाज में भी जागरूकता फैलाएं। 

हिंदी विभाग के प्रोफेसर डॉ. अमित कुमार ने पत्रकारिता और संप्रेषण के शैक्षणिक एवं व्यावहारिक पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने पत्रकारिता को जनसंचार का प्रभावी माध्यम बताते हुए उसके दायित्वों की चर्चा की।

प्रोफेसर डॉ. रमजान अली ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा कि पत्रकारिता हमारे लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ है। एक सजग और संवेदनशील पत्रकार समाज को दिशा देने में सक्षम होता है। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे पत्रकारिता जैसे क्षेत्रों में नैतिक मूल्यों और सामाजिक प्रतिबद्धता को सर्वोपरि रखें। कार्यक्रम में दर्जनों छात्र-छात्राओं और कॉलेज के शिक्षकों व कर्मचारियों की सक्रिय भागीदारी रही। विचार-विमर्श और संवाद के इस मंच ने विद्यार्थियों को पत्रकारिता की वास्तविक भूमिका और जिम्मेदारी से भलीभांति परिचित कराया।
aaryawart duniya

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