राजमहल रेलवे स्टेशन का प्रधानमंत्री आज करेंगे वर्चुअल उद्घाटन



राजमहल स्टेशन भारतीय रेल की अत्याधुनिक सुविधाओ से हुआ लैस

लगभग 7 करोड़ रुपए से अधिक लागत खर्च कर स्टेशन का जीर्णोद्धार 



राजमहल झारखण्ड के एक मात्र जिला साहिबगंज,जंहा पवित्र गंगानदी प्रवाहित होती है।इसी जिला अंतर्गत ऐतिहासिक राजमहल रेलवे स्टेशन गंगा तट पर अवस्थित है।कभी ये स्टेशन एक महत्वपूर्ण स्टेशन हुआ करता था।राजमहल रेलवे स्टेशन को अंग्रेज शासनकाल में जलमार्ग कनेक्टिविटी के लिए बनाया गया था।कोलकाता के समुद्री तट से आने वाले सामान को रेल के माध्यम से राजमहल रेलवे स्टेशन लाया जाता था और फिर पूर्वोत्तर भारत में जलमार्ग से भेजा जाता था। व्यापार को बढ़ावा देने और जलमार्ग से रेल को जोड़ने के लिए इस स्टेशन का निर्माण 1860 ईo में ईस्ट इंडिया कंपनी और ईस्ट इंडिया रेलवे ने मिलकर किया था।आज अमृत ​​भारत स्टेशन योजना के तहत भारतीय रेलवे द्वारा राजमहल रेलवे स्टेशन का पुनर्विकसित किया जा रहा है।राजमहल रेलवे स्टेशन का उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुरूवार को किया जाएगा।

विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम:


अमृत भारत योजना अंतर्गत राजमहल रेलवे स्टेशन का आधुनिकीकरण किया गया है।कहा जाय तो ये एक एतिहासिक कायाकल्प की ओर अग्रसर है।पहले चरण में लगभग 7 करोड़ रुपए से अधिक लागत खर्च कर स्टेशन का जीर्णोद्धार किया जा रहा है।जिससे एक अभूतपूर्व  परिवर्तन देखा जा रहा है।यह परिवर्तन केवल यात्रियों को अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करेगा, बल्कि इस स्टेशन को आधुनिकता और क्षेत्रीय विरासत के अनूठे संगम का प्रतीक भी बनाएगा। यह महत्वाकांक्षी योजना यात्री सुविधाओं के व्यापक उन्नयन और क्षेत्रीय आर्थिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारतीय रेल की अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करने की प्रतिबद्धता इस दूरदर्शी परियोजना में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत राजमहल रेलवे स्टेशन के कायाकल्प में एक नया मानदंड स्थापित करने की दिशा में अग्रसर है।

बहु-आयामी परिवहन केंद्र के रूप में होगा विकसित
भारतीय रेलवे के अमृत भारत स्टेशन पुनर्विकास योजना एक समग्र दृष्टिकोण पर आधारित है। जिसका उद्देश्य राजमहल स्टेशन को एक बहु-आयामी परिवहन केंद्र के रूप में विकसित करना है। राजमहल स्टेशन, पूर्व रेलवे ज़ोन के महत्वपूर्ण स्टेशनों में से एक है।यंहा पुनर्विकास कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है। प्रथम चरण के लिए 7.03 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है।जिसमें सिविल, विद्युत, सिग्नल एवं दूरसंचार (एस एंड टी) कार्य, साइनेज शामिल हैं।


अब तक पूर्ण किए गए प्रमुख कार्य

 
1.सौंदर्यपूर्ण अग्रभाग प्रकाश व्यवस्था के साथ एक आधुनिक अग्रभाग (फसाड) का निर्माण पूरा हो चुका है।

2.सर्कुलेटिंग एरिया और पैदल यात्री मार्गों का विकास।

3.लंबी ट्रेनों को समायोजित करने के लिए प्लेटफ़ॉर्म विस्तार।

4.प्रथम श्रेणी और द्वितीय श्रेणी के प्रतीक्षालय, रिजर्व्ड लाउंज, एग्जीक्यूटिव लाऊंज और महिला प्रतीक्षालय का 
नवीनीकरण और निर्माण, जिसमें एक नया सुलभ शौचालय सुविधा भी शामिल है।    

5.स्टेशन नेविगेशन को सुव्यवस्थित करने के लिए साइनेज कार्य का कार्यान्वयन।

6.आकर्षक मूर्तियों की स्थापना और मानक आंतरिक सज्जा।

7.स्थानीय कला और ऐतिहासिक स्मारकों से प्रेरित आंतरिक और बाहरी डिज़ाइन।

8.सार्वभौमिक पहुँच सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से दिव्यांगजन-अनुकूल बुनियादी ढाँचा।

9.गतिशील यात्री सूचना के लिए एक बड़े आकार की इनडोर वीडियो वाल की स्थापना।

10.स्टेशन परिसर के भीतर नेविगेशन को सुव्यवस्थित करने के लिए साइनेज का कार्यान्वयन।


सांस्कृतिक विरासत की झलक है समाहित


रेल यात्रियों को एक बेहतर अनुभव प्रदान करने के उद्देश्य से भारतीय रेल द्वारा अमृत भारत योजना के अंतर्गत समग्र उन्नयन कार्य किया जा रहा है। जिसमें आधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ राजमहल क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत की झलक भी समाहित है। वर्तमान में इस योजना  अंतर्गत लगभग सभी कार्य पूरी हो चुकी हैं।
जैसे-जैसे राजमहल रेलवे स्टेशन नया रूप ले रहा है, वैसे-वैसे इतिहास और आधुनिकता के समन्वय का प्रतीक बन रहा है। यह परिवर्तन न केवल रेल यात्रियों की यात्रा को सुखद बनाएगा, बल्कि क्षेत्रीय आर्थिक विकास और सांस्कृतिक संरक्षण के लिए भी एक उत्प्रेरक की भूमिका निभाएगा।


देश दुनिया से यंहा आते है पर्यटक:


मुगल काल में राजमहल का काफी अहम स्थान था।
कभी उड़ीसा,बंगाल और बिहार का  राजमहल राजधानी हुआ करता था।अंग्रेज शासन काल के दौरान सन1860 में जब अंग्रेजों ने कोलकाता से राजमहल रेल लाइन का विस्तार किया तो, तभी राजमहल में रेलवे का जोनल कार्यालय स्थापित किया गया था। वर्ष 1941 में राजमहल से रेलवे कार्यालय को हटा लिया गया। वर्ष 1820 में बुकानन नामक विदेशी इतिहासकार ने राजमहल का भ्रमण किया था।मुगलकाल के कई अवशेषों को आज पुरात्तव विभाग द्वारा संरक्षित किया गया है।राजमहल से लगभग 9 किमी की दूरी पर जामी मस्जिद व बारहद्वारी है।लगभग 13 किमी दूरी पर कन्हैया नाट्यशाला(इस्कोन) है।राजमहल स्टेशन से सटे सिंघीदलान,फांसीघर,अकबरी मस्जिद है।जबकि 10 किमी दूर उधवा राष्टीय पक्षी अभ्यारण भी है।इन ऐतिहासिक तथा मुगल अवशेषों को देखने के लिए राजमहल सड़क मार्ग से जाया जा सकता है।इसके लिए राजमहल स्टेशन के पास वाहन उपलब्ध रहता है।
आज भी देश दुनिया से यहां पर्यटक मुगलकालीन अवशेषों को देखने रेल,सड़क व जलमार्ग से आते हैं तथा भारतीय इतिहास के गौरवशाली अध्याय काे समझते हैं।

राजमहल-तीनपहाड़ के बीच सिर्फ शटल सेवा है चालू


फरक्का बैराज बनने से पहले, उत्तरी बंगाल और असम के लिए ट्रेनें राजमहल और फरक्का तक चलती थीं।फिर जलमार्ग से यात्री फेरी सेवा द्वारा गंगा पार करके आगे बढ़ते थे। फरक्का बैराज बनने के उपरांत 1971-72 में रेल-सह-सड़क पुल खुलने के बाद  फरक्का स्टेशन को बंद कर दिया गया। फरक्का स्टेशन की ओर जाने वाली लाइनें हटा दी गईं।सन  1972 से राजमहल स्टेशन ने ट्रेन-फेरी क्रॉसिंग स्टेशन के रूप में अपना महत्व खो दिया। राजमहल से कोलकाता, पटना और दिल्ली जाने वाली ट्रेनें वापस ले ली गईं। अब राजमहल और तीनपहाड़ जंक्शन के बीच केवल शटल सेवा ही चल रही है।


राजमहल-मानिकचक  6 गंगापुल का मांग


 मुगलकालीन अवशेषों को लेकर इतिहास के पन्ने में चर्चित राजमहल का विकास आजतक नही हो पाया।इतिहास के पन्ने में मुगलकालीन व अंग्रेज शासनकाल का चर्चे से पर्यटक राजमहल तो पँहुचते है,परन्तु ऐतिहासिक नगरी में पर्यटक स्थलों का विकास नही देख पाते है।यंहा के गौरवशाली अध्याय को जानकर वापस लौट जाते है। राजमहल-मानिकचक के बीच (सड़क तथा रेल)गंगापुल का निर्माण  चिरपरिचित लंबित मांग रहा है।ये गंगापुल राजमहल को ऊत्तरी बंगाल व असम को जोड़ेगी।जिससे राजमहल का सर्वांगिन विकास का ढांचा बनने से इंकार नही किया जा सकता है।राजमहल क्षेत्र में एनएच 4 लेन सड़क निर्माण कार्य तथा अटल भारत स्टेशन योजना के तहत राजमहल स्टेशन का जीर्णोद्धार के बाद अगर राजमहल गंगापुल निर्माण होने पर  देश व राज्य के विकास में  राजमहल एक लाइफ लाइन बन सकती है।


नए ट्रेनों की मांग:राजमहल क्षेत्र से प्रतिदिन सैंकड़ो की संख्या में रेल यात्री अन्य राज्यो के लिए रेल यात्रा करते है।दुर्भाग्य वश आज भी राजमहल से कोई लंबी दूरी की ट्रेन नही है।इतना ही नही राज्य के राजधानी रांची के लिए तीनपहाड़ जंक्शन से एक मात्र वनांचल ट्रैन है।दिल्ली,मुंबई,कोलकाता,बैंगलुरु,चेन्नई,
असम,गुजरात जाने वाली अधिकत्तर मेल ट्रेनों का ठहराव तीनपहाड़ स्टेशन पर नही है।जिस कारण स्थानियो लोगो के अलावे पर्यटकों को राजमहल रेलवे मार्ग से आने -जाने के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।तीनपहाड़ व राजमहल  क्षेत्र के जनताओं का मेल ट्रेनों की ठहराव को लेकर लगातार मांग रही है।इसे लेकर कई आंदोलन हुई।परन्तु मांगो पर आजतक कोई पहल नही हुई।


क्या कहते है स्थानीय बुद्धिजीवी:


1.इस बाबत राजमहल नगर पंचायत के पूर्व चेयर मेन जयंत सिंह ने कहा कि राजमहल एक ऐतिहासिक जगह है।यंहा का सर्वांगीण विकास के लिए राजमहल से देश के विभिन्न राज्यो में व्यवसायिक उद्देश्य से भ्रमण के लिए मेल ट्रेनों का परिचालन जरूरी है।
2.इस बाबत समाज सेवी संजीव गौरव ने देश के प्रधानमंत्री व रेल मंत्री को धन्यवाद देते हुए बताया कि अमृत भारत योजना के तहत राजमहल स्टेशन का भव्य सौंदर्यीकरण किया जा रहा है।परंतु जबतक राजमहल स्टेशन से मेल ट्रेनों का परिचालन नही होगा तथा तीनपहाड़ जंक्शन में मेल ट्रेनों का ठहराव नही होगा,राजमहल स्टेशन का महत्व जस का तस वाली ही रहेगी।
3.इस बाबत अधिवक्ता विकास चौरसिया ने बताया कि अंग्रेज शासन काल मे व्यापार को बढ़ावा देने और जलमार्ग से रेल को जोड़ने के लिए राजमहल रेलवे स्टेशन का निर्माण किया गया था।तभी राजमहल एक महत्वपूर्ण स्टेशन हुआ करता था।पूर्वोत्तर राज्यो के लोगो का कलकत्ता ज्ञे के लिए राजमहल मुख्य मार्ग था। बैरेज बनने के बाद ,दुर्भाग्यश यंहा से चलनेवाली सभी लंबी दूरी वाली ट्रेनों का परिचालन बंद हो गया।उपेक्षापूर्ण रवैया के कारण धीरे-धीरे राजमहल का महत्व कम होने लगा।सरकार राजमहल स्टेशन को रेलवे टर्मिनल का रूप देकर विकसित कर तथा देश के महानगरों तक लंबी दूरी के ट्रेनों का परिचालन शुरू करे।
aaryawart duniya

i 'm Aaryawart duniya , a passionate content creator and digital journalist from Jharkhand. I run the YouTube channel ‘Aaryawarat Duniya’, which covers news and digital stories with a touch of humor and storytelling rooted in desi culture. I'm also the founder and author of the news website aduniya.in. Follow us on Facebook, Instagram, X (Twitter), Pinterest, and more to stay updated with our content and news stories.

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