शिबू सोरेन जनप्रिय जनप्रतिनिधि सर्वाधिक लोकप्रिय :
डॉo रणजीत कुमार सिंहझारखंड आंदोलन के सर्वकालीन महानायक, दिशोम गुरु वीर शिबू सोरेन को मॉडल कॉलेज, राजमहल की ओर से सादर श्रद्धांजलि एवं अश्रुपूरित नमन। ईश्वर से प्रार्थना है कि वे इस महापुरुष की पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें।
गुरुजी केवल एक राजनेता नहीं थे—वे झारखंड की आत्मा, उसकी चेतना और संघर्षशील जनभावनाओं के प्रतीक थे। विचारधारा और दलगत सीमाओं से परे, यह निर्विवाद सत्य है कि झारखंड के संदर्भ में जो जनप्रियता, जनविश्वास और जनसमर्पण दिशोम गुरु को प्राप्त था, वह किसी अन्य नेता को नहीं मिला।
मैंने सिदो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका में स्नातक से पीएच.डी. और प्राध्यापन तक की अपनी शैक्षणिक यात्रा में झारखंड आंदोलन को बहुत निकट से महसूस किया है। जैसे ही उनके स्वर्गवास का समाचार मिला, मैं शोक-संतप्त हो गया और स्मृतियों की एक गहराई में चला गया।
छात्र जीवन के दौरान मैंने स्वयं अनुभव किया है कि कैसे हजारों की संख्या में बजते नगाड़े, विशेष ढोल की गूंज और बिना माइक के गुरुजी की गर्जना—संपूर्ण वातावरण को आंदोलित कर देती थी। वह ओजस्वी नारा:
"वीर शिबू जिंदाबाद... झारखंड राज अलग करो..."
हर वर्ष 2 फरवरी को, उनके नेतृत्व में निकलने वाले विशाल जनजुलूस ऐसे प्रतीत होते थे मानो झारखंड की आत्मा सड़कों पर उतर आई हो। वह दृश्य जीवन भर के लिए स्मृतियों में अंकित हो गया है।
गुरुजी का व्यक्तित्व अत्यंत सरल, सहज और करुणाशील था। दिल्ली प्रवास के दौरान भी उनका द्वार झारखंडवासियों के लिए सदैव खुला रहता था। सेवा, संघर्ष और समर्पण उनकी कार्यशैली की पहचान थी।
आज झारखंड ने केवल एक नेता नहीं, अपना पथप्रदर्शक, जननायक और अभिभावक खो दिया है। यह क्षति केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आत्मिक भी है।
आज मॉडल कॉलेज, राजमहल, साहिबगंज में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में स्वर्गीय दिशोम गुरु शिबू सोरेन, पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर शिक्षाविद् डॉ. सुब्रत कुमार सिंह, प्राध्यापक श्री विवेक कुमार महतो, एवं श्रीमती अंकिता सिंह ने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में सैकड़ों छात्र-छात्राएं, शिक्षकगण एवं महाविद्यालय के कर्मी भावविभोर उपस्थिति दर्ज कराते हुए श्रद्धांजलि में सहभागी बने।
झारखंड के इस युगपुरुष को कोटिशः नमन।
उनकी विचारधारा, संघर्ष और लोकसमर्पण की विरासत हमारी प्रेरणा बनी रहेगी। श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित मोहन, सुमित प्रकाश बबालू हेम्ब्रम, करमु उषा देवी
जितेंद्र महतो सुमन सिंह
राजीव अंकिता सिंह सहित दर्जनों छात्र छात्रों भाग लिया.