विद्यार्थियों को प्लास्टिक प्रदूषण से बचने दिया संदेश : प्राचार्य
राजमहल मॉडल कॉलेज में गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस के अवसर पर प्राचार्य डॉ रंजीत कुमार सिंह के अध्यक्षता में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों, शिक्षकों तथा कर्मचारियों की उपस्थिति में प्लास्टिक प्रदूषण की गंभीरता और इसके दुष्परिणामों पर प्रकाश डाला गया। इस दौरान प्राचार्य डॉ. सिंह ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्लास्टिक विशेषकर सिंगल यूज प्लास्टिक पर्यावरण के लिए एक गंभीर संकट बन चुका है। प्लास्टिक न केवल भूमि को प्रदूषित करता है, बल्कि जल स्रोतों को भी विषाक्त करता है। प्लास्टिक पदार्थों को नष्ट होने में सैकड़ों वर्ष लगते हैं, जिसके कारण यह मृदा की उर्वरता, पानी की गुणवत्ता तथा जैव विविधता को बुरी तरह प्रभावित करता है। सिंगल यूज प्लास्टिक को ना कहें पृथ्वी के स्वस्थ व हरियाली के लिए पेड़ पौधे लगाए। एवं विद्यार्थियों से अपील की कि वे प्लास्टिक बैग और पॉलिथीन की जगह कपड़े या जूट से बने थैले का उपयोग करें। साथ ही, दैनिक जीवन में प्लास्टिक से बनी वस्तुओं का बहिष्कार कर एक जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभाएं। कार्यक्रम में उपस्थित परीक्षा पर्वेक्षक भैया बेसरा ने भी प्लास्टिक से होने वाले पर्यावरणीय खतरों पर गहन चर्चा की। उन्होंने बताया कि प्लास्टिक कचरे से न केवल पर्यावरण प्रदूषित होता है, बल्कि यह स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर डालता है। उन्होंने सिंगल यूज प्लास्टिक पर कानूनी प्रतिबंध और इसके सख्त क्रियान्वयन की आवश्यकता पर जोर दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रमज़ान अली ने प्रभावशाली ढंग से किया। उन्होंने उपस्थित विद्यार्थियों से संवाद करते हुए उन्हें प्लास्टिक के विकल्पों को अपनाने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम में शाहिद ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान और परमवीर चक्र कैप्टन मनोज कुमार पांडेय को याद किया गया। इस अवसर पर कॉलेज के डॉ. अमित कुमार, डॉ. विवेक महतो, कर्मचारी मोहन सिंह, सुमित साहा, प्रकाश महतो सहित सैकड़ों छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। सभी ने प्लास्टिक मुक्त समाज की दिशा में संकल्प लिया और कॉलेज परिसर में प्लास्टिक उपयोग न करने की शपथ ली। एवं कार्यक्रम का समापन विद्यार्थियों द्वारा "प्लास्टिक हटाओ, प्रकृति बचाओ" जैसे नारों के साथ हुआ, जिससे पूरे परिसर में जागरूकता का एक सकारात्मक माहौल बना। इस तरह का आयोजन निश्चित रूप से विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।