मालदा मंडल में मवेशी टकराव को लेकर जन-जागरूकता अभियान
मालदा मंडल के मंडल रेल प्रबंधक यतीश कुमार के मार्गदर्शन में मवेशी टकराव से ट्रेनों के संचालन की सुरक्षा एवं समय पालन को लेकर लगातार जन-जागरूकता कार्यक्रम किया जा रहा है। गुरुवार को मालदा मंडल अंतर्गत अकबरनगर-सुल्तानगंज सेक्शन के मवेशी टकराव संभावित क्षेत्रों में एवं समपार फाटक सं. 3/C के समीप में एक जन-जागरूकता कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य मवेशी टकराव, चेन खींचना, मानव टकराव, पथराव, ट्रैक पर अतिक्रमण, पटरियों पर वस्तुएं रखना, सिग्नल उपकरणों के साथ छेड़छाड़ करना तथा रेल परिसर के आसपास मवेशियों को चराने जैसे खतरनाक एवं असुरक्षित कार्यों के प्रति आमजन को जागरूक करना था।
इस अभियान के दौरान परिचालन, इंजीनियरिंग तथा रेलवे सुरक्षा बल (RPF) विभाग के अधिकारियों ने संवेदनशील क्षेत्रों के स्थानीय निवासियों से संवाद किया। एवं इस प्रकार की गतिविधिया न केवल मानव एवं पशु जीवन के लिए घातक हैं, बल्कि रेल संचालन में भी गंभीर बाधा उत्पन्न करती हैं।
अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि ये कृत्य रेलवे अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दंडनीय हैं। विशेष रूप से मवेशी टकराव (CRO) की समस्या पर बल दिया गया, जो एक गंभीर सुरक्षा चिंता का विषय है।
ग्रामीणों को यह समझाया गया कि पटरियों के पास आवारा मवेशियों की उपस्थिति से कितनी बड़ी दुर्घटनाएं हो सकती हैं। उन्हें सुरक्षित एवं उत्तरदायी पशुपालन के लिए प्रोत्साहित किया गया। अधिकारियों ने बताया कि मवेशी टकराव (CRO) की घटनाओं से ट्रेन संचालन में गंभीर देरी होती है, जिससे रेलवे को व्यापक स्तर पर परिचालनिक एवं आर्थिक क्षति होती है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक मालदा मंडल में मवेशी टकराव की 245 घटनाएं दर्ज की गई हैं। जिनमें से 71 मामले भागलपुर–किउल खंड में सामने आए हैं। जागरूकता कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्थानीय समुदाय से प्रत्यक्ष संवाद स्थापित कर सुरक्षा और सतर्कता की भावना को प्रोत्साहित करना था। संवादात्मक सत्रों एवं जन संपर्क गतिविधियों के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि रेलवे सुरक्षा बनाए रखने में समुदाय की सहभागिता अत्यंत आवश्यक है।
मालदा मंडल रेल संचालन की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में भी ऐसे जागरूकता अभियान जारी रखेगा, ताकि जोखिमों को कम कर ट्रेनों का सुचारु संचालन सुनिश्चित किया जा सके।